sidh kunjika Fundamentals Explained
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
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श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
aiṃ hrīṃ klīṃ chāmuṇḍāyai vichchē jvala haṃ saṃ laṃ kṣaṃ phaṭ svāhā ॥ five ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता here है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ